Monday, October 4, 2010

राम हो गये लीगल


अयोध्या पर आये फैसले के बाद भले ही देश के दो समुदाय सुप्रीम कोर्ट जाने का मन बना रहे हो, लेकिन भगवान राम को एक बात का आराम अवश्य ही हो गया होगा। और वो ये है कि अब राम लीगल हो गए हैं। यानी ये तो कम से कम तय हुआ कि अयोध्या में ही राम का जन्म हुआ था। चाहे वह आस्था के नाम पर हुआ या फिर किसी और आधार पर, लेकिन राम को अब ये आराम है कि वह इस देश में एक टुकड़े के कानूनी रूप से मालिक हो गए हैं। वैसे तो राम सभी के हैं और उनका निवास हर उस आदमी के दिल में है जो उनका स्मरण करता है। राम को किसी जमीन की भी आवश्यकता नहीं थी, लेकिन पिछले पांच सौ सालों से राम का जिस तरह से हिंदुओं के दिल से अस्तित्व मिटाने का कार्य हुआ उसके चलते ये आवश्यक हो चला था कि राम को जमीन मिले। दुनिया भर के कुछ बुद्धिजीवी लगातार इस बात की फिराक में थे कि वह राम का अस्तित्व मिटा दें। वह लगातार तर्क दे रहे थे कि राम मात्र एक कथा है राम एक सोच है। और इससे ज्यादा कुछ नहीं। यहां तक की राम को बदनाम करने के लिए ये तक कह दिया गया कि ये किसी छोटे से राज्य या प्रदेश की कोई छोटी मोटी कथा है जिसे गढ़ दिया गया है। बावजूद इसके राम इन सभी से ऊपर राम राज्य की स्थापना और प्रेम भाईचारे का संदेश देते रहे।
शांति के पथ पर चलते हुए राम हमेशा की तरह हर तरह की बुराईयों को मात देते हुए फिर एक बार विजयी हुए। राम को अधिकार भी मिला और उन्हें मानने वालों को ये परिणाम की राम सिर्फ एक विचार ही नहीं है वह एक ऐसी विरासत है जो एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक निरंतर आगे बढ़ती रहेगी और जब तक इस दुनिया का अस्तित्व रहेगा राम भी हमारे सांसों में रहेंगे।