Monday, September 26, 2011

आखिर राजबाला ने दम तोड़ दिया



दिल्ली में बाबा रामदेव के साथ योग से अपनी काया दुरुस्त करने और देश से भ्रष्टाचार खत्म करने की मुहिम में शामिल राजबाला अब हमारे बीच नहीं है...आज उनका तीन महीने चली लंबी जद्दोजेहद खत्म हो गयी..वो आम आदमी की तरह सरकार रूपी मौत के आगे हार गयी। बेहद, दुख के साथ सभी लोग एक या दो दिन बाद राजबाला को भूल भी जाएंगे...क्योंकि प्रणब की मुलाकात चिंदबरम पर कोई ना कोई रंग लाकर रहेगी...मीडिया आज इस खबर को तभी तक चलाएगा...जब तक की चिंदबरम पर कोई पुख्ता बयान सरकार की ओर से नहीं आ जाता...एक बार सरकार का बयान आया नहीं की राजबाला पुरानी खबर हो जाएगी...राजबाला के घर पर शायद ही कोई रिपोर्टर पहुंचेगा...लेकिन राजबाला ने तो अपनी जान दी है...हालांकि रामदेव उनकी मौत को शहादत मान रहे हैं...जिसपर सरकार के कानून मंत्री ने धीरे से मोटी धमकी रामदेव को दे भी डाली है...उन्होंने साफ रामदेव को चेतावनी के अंदाज में कहा है कि राजबाला पर देश में राजनीति नहीं होनी चाहिए....कानून मंत्री के हाथ क्योंकि देश का कानून है...तो शायद उनसे कोई ये बात भी ना पूछे कि आखिर क्यों देश के लोग राजबाला की बात ना करें...क्यों राजबाला की मौत की जिम्मेदारी सरकार पर क्यों ना डाली जाए...अगर राजबाला की मौत की बजह दिल्ली पुलिस की लाठियां हैं...तो क्यों सरकार ने राजबाला का इलाज अच्छे से अच्छे अस्पताल में क्यों नहीं करवाया...क्यों राजबाला को तीन महीने तक मौत का इंतजार करवाया गया...क्यों उसे तिल तिल करके मर जाने दिया गया... राजबाला जीबी पंत अस्पताल में भर्ती थीं। राजबाला की मौत के विपक्ष राजनीतिक तौर पर इसे मुद्दा भी बनायेगा....वहीं ये मामला सुप्रीम कोर्ट और आयोगों के स्तर पर भी उठाए जाने की संभावना है। 51 वर्षीय राजबाला 4 जून की रात से ही जीबी पंत अस्पताल में एडमिट थीं। उनके शरीर में कई फ्रैक्चर थे। डॉक्टरों के मुताबिक राजबाला दो दिन से वेंटिलेटर पर थीं। गहरी चोट ही उनकी मौत की वजह बनीं। बाबा रामदेव के साथ अनशन पर बैठे लोगों पर पुलिस लाठीचार्ज का मामला सुप्रीम कोर्ट में है। कोर्ट ने उस रात की पुलिस कार्रवाई की सीडी तलब की है। किन हालात में, किसने पुलिस ऐक्शन के आदेश दिए और किस तरह सोते हुए लोगों पर एक्शन हुआ, यह सब सवालों के घेरे में है। मानवाधिकार आयोग में भी शिकायतें हैं। राजबाला की मौत के बाद उन शिकायतों की गंभीरता और बढ़ गई हैं खैर राजबाला चली गयी...लेकिन अपने पीछे कई ऐसे सवाल छोड़ गयी जिसके सवाल आने वाले दिनों में देश की सरकार को देने ही होंगे।