एक दिन अचानक मेरे ऊपर एक कुत्ता भौंकते हुए झपटा
पहले मुझे गुस्सा आया और फिर अचानक ही एक ख्याल
मैंने सोचा कि यार कुत्ता आदमी का वफादार है...
फिर ये क्यों मुझपर भौंका क्यों मुझे काटने दौड़ा....
ये सोचते सोचते मैं घर पहुंचा
हाथ मुंह धोए, खाना खाया और सो गया...
लेकिन कहीं ना कहीं ये ख्याल मेरे दिमाग में घूमता ही रहा...
फिर दूसरे दिन दफ्तर जाते वक्त मैंने फिर से उसी कुत्ते को देखा
आज कुत्ता अपनी पूछ दवाएं बैठा था...
उसकी आंखों में जब मैंने झांक कर देखने की कोशिश की
तो पाया आंखें भी उसकी नम थी...
हिम्मत जुटाई पास गया...
बीती रात मुझपर भौंकने वाला कुत्ता आज शांत था...
देखकर मुझे पूछ हिलाता कुत्ता मेरे पैर चाटने लगा...
मुझे पहले हैरानी हुई...लेकिन तभी एक बदबू का भवका मेरे नाथुनों से टकराया
पास ही में एक मरे हुए कुत्ते के बच्चे का शव था...
जिसे कोई मोटर चालक कुचल गया था..