फेसबुक पर एक So Called पत्रकार द्वारा अपने पेज पर एक पार्टी के कुछ फोटोज ने अचानक ही मुझे झकझोर दिया। इस फोटो में देश के कुछ नामी पत्रकार हाथ में दारू के गिलास लिए किसी बात पर ठहका लगा रहे हैं। पहले मुझे लगा कि शायद ये मेरी आंखों को धोखा है क्योंकि इनमें से कुछ पत्रकार तो ऐसे हैं जो अपने आपको इस देश का नहीं दुनिया में सबसे ईमानदार आदमी कहते हैं।
ये टेलिविजन स्क्रीन पर अपने आपको देश का ऐसा नागरिक दिखाते है जो रिस्पॉनसेविल के साथ-साथ ऐसा व्यक्ति है जिसका काम ही देश की सेवा करना है। लेकिन जैसा हर बार होता है हर सिक्के के दो पहलू होते हैं। एक वो जो दिखाई देता है और एक वो जो हमें दिखाई नहीं देता। असल में साधारण लोगों को शायद पता नहीं होगा कि देश के अधिकतर पत्रकार नंबर एक के दारूबाज और लड़की बाज होते हैं।
देश के अधिकतर बड़े पत्रकारों के लड़कीबाजी के किस्से आए दिन हम लोग डिस्कस करते हैं। अपनी पहली बीबीयों से ये कई बार मार खा चुके हैं और दूसरी के चक्कर में आकार जपानी तेल और मद्रासी जैल टाइप दवाओं पर अपनी तनख्वाह का एक बड़ा हिस्सा खर्च कर चुके होते हैं। इस बात पर हमारे देश के कुछ पत्रकार भाईयों की आंख भौह टेढ़ी हो सकती हैं, लेकिन असलियत यही है। यहां अगर मैं अपने भाईयों की पोल खोलने लग जाऊं तो हो सकता है कि मेरा ब्लॉग तक ये लोग बंद करवा दे लेकिन जब बात चली है तो दूर तक तो जानी ही चाहिए। हालांकि कुछ भाई ये भी कह सकते हैं कि ये इनका प्राइवेट मामला है। अरे भाई इन सालों का ये प्राइवेट मामला है और जो ये.......देश के नेताओं को लेकर स्क्रीन पर आकार पूरे दिन भौंकते हैं तो वो क्या होता है। इनका ये कैसे नीजि मामला हो सकता है। इनका सरोकार देश से जुडा़ है। ये लोग देश के चौथे स्तंभ हैं। इनका कोई भी मामला देश की आम जनता को प्रभावित करता है। लेकिन ये लोग कभी अपने गिरेवान में नहीं झांकने वाले। मुझे इस बात की इनसे शिकायत नहीं है कि ये लोग दारू पीकर क्यों अपना गला तर कर रहे हैं, मुझे कोफ्त होती ये देखकर कि ये वही लोग है जो दूसरों को सीख देते हैं। एक कहावत पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बहुत प्रचलित है। शायद यहां कुछ बड़े बिहारी पत्रकारों को ये समझ में न आए लेकिन अगर वो हिंदी जानते हैं तो मतलब तो जरूर ही निकाल लेंगे।
कहावत है ‘दूसरों को शिक्षा दे और अपनी खाट भीतरी ले’।
5 comments:
आप एक पत्रकार होकर भी इन पत्रकारों को कोस रहे हो? बड़ा अच्छा काम कर रहे हो। अभी किसी को गाली देनी हो तो कहा जाता है कि नेता है लेकिन अब जल्दी ही कहा जाएगा कि पत्रकार है। ये लोग दूसरों को गाली देकर ही अपना नाम बडा करते हैं नहीं तो इन्हें कौन पूछे कि ये स्वयं क्या हैं? आपकी हिम्मत को बधाई। लेकिन आपका परिचय ब्लाग पर नहीं है।
इस So Called पत्रकार के किस्से न ही पूछो तो अच्छा
Nice job keep it up
I am with you
thanks Alex jay
achhi jankari hai. age bhi dete rahein in tathakathit deshbhakt patrakaro ke baare me.
Very Very Nice Blog Thanks for sharing with us
Post a Comment