उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव की रणभेरी अभी तक बजी नहीं है। लेकिन, उत्तर प्रदेश में बीजेपी पूरे चुनावी मोड में है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी लगातार उत्तर प्रदेश में रैली, उद्घाटन, शिलान्यास और योजनाओं की सौगात दे रहे हैं। वहीं, पूर्वांचल में खाद कारखाना, मेडिकल कॉलेज और तकरीबन 3000 करोड़ की योजनाओं की घोषणा करने के बाद पश्चिम उत्तर प्रदेश में जेवर एयरपोर्ट, फिल्मसिटी की सौगात सैंपी।
अब प्रधानमंत्री ने काशी विश्वनाथ कॉरीडोर के पहले चरण के पूरे होने के बाद उद्घाटन किया है। जिसके बाद यह साफ देखने को मिल रहा है कि बीजेपी अब उत्तर प्रदेश को लेकर पूरे चुनावी मोड में है और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी स्वयं उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनावों को लेकर काफी गंभीर हैं।
वहीं, अब जिन परियोजनाओं
का हो रहा शिलान्यास, उनका 2024 से पहले उद्घाटन होगा। केंद्र सरकार की तमाम
योजनाओं में तेजी दिखेगी।
राजनीति के जानकारों का मानना है कि चुनाव तो 2022 में उत्तर प्रदेश विधानसभा का है लेकिन इसके बहाने भाजपा 2024 की पिच भी तैयार कर रही है। इस पिच पर विकास
का उछाल होगा तो आस्था के नाम पर स्विंग भी खूब पड़ेंगी। इसके लिए टीम भाजपा ने
अपनी एक कोर कमेटी का गठन भी कर दिया है। जो अभी से 2024 में चुनावी रोड मैप तैयार करने लगा है। इस कमेटी के
सदस्यों का काम उन योजनाओं पर नजर रखने के साथ उनको 2024 चुनाव से पहले तक पूरा करवाने का भी है जिनका प्रधानमंत्री
शिलान्यास कर रहे हैं या राज्य और केंद्र सरकारें जिन बड़े प्रोजेक्ट को शुरू करने
वाली हैं।
उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनावों का माहौल बनाने की शुरुआत तो भारतीय जनता पार्टी ने विकास के मॉडल के साथ की है। यही वजह है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सितंबर से बने चुनावी माहौल से अब तक उत्तर प्रदेश में जितने दौरे किए हैं वह सभी विकास के नाम पर शुरू हुए प्रोजेक्ट के उद्घाटन और शिलान्यास से ही हुए हैं। इसमें कुछ प्रोजेक्ट का शिलान्यास हुआ तो कुछ का उद्घाटन भी किया गया।
भारतीय जनता पार्टी से जुड़े एक वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि जिन प्रोजेक्ट का उद्घाटन हुआ उसका निश्चित तौर पर उत्तर प्रदेश के चुनाव में फायदा मिलेगा। वह कहते हैं कि जिन प्रोजेक्ट का शिलान्यास हुआ है उनमें ज्यादातर का उद्घाटन 2024 से पहले हो जाएगा। ऐसे में एक बात तो बिल्कुल साफ है कि 2022 के विधानसभा चुनावों में विकास के नाम पर रखी गई आधारशिलाओं से 2024 का चुनाव भी सधेगा।
कमेटी के हर सदस्य की जिम्मेदारियां तय
भाजपा केंद्रीय नेतृत्व
से जुड़े एक वरिष्ठ नेता का कहना है कि पार्टी ने अपने तमाम राजनैतिक और आस्था के
मुद्दों के साथ विकास को ही तरजीह दी है। भाजपा से जुड़े सूत्रों का कहना है कि
जिन प्रोजेक्ट का शिलान्यास प्रधानमंत्री मोदी ने किया है उसकी गति पर नजर रखने के
लिए पार्टी ने एक कोर कमेटी का गठन भी किया है। इस कोर कमेटी में केंद्रीय
मंत्रिमंडल के वरिष्ठ सदस्यों के साथ-साथ राज्य स्तर के पार्टी पदाधिकारी भी शामिल
हैं।
सूत्रों के मुताबिक भारतीय जनता पार्टी की एक और कमेटी इन प्रोजेक्ट को न सिर्फ मॉनिटर करेगी बल्कि इस पर लगातार नजर भी रखेगी। कोर कमेटी से जुड़े एक वरिष्ठ सदस्य का कहना है कि जो प्रोजेक्ट 2024 तक शुरू होने हैं उनको और तेज गति देने के लिए कमेटी संबंधित मंत्रालय और अधिकारियों के संपर्क में भी रहेगी, ताकि किसी भी तरीके की कोई लापरवाही न हो। ऐसे सभी सदस्यों के पास किसी न किसी तरीके की जिम्मेदारियां हैं जो समय-समय पर पार्टी आलाकमान को अपना फीडबैक भी देती रहेंगी।
2024 में होने वाले लोकसभा के चुनावों से पहले कई अहम प्रोजेक्ट सिरे चढ़ चुके होंगे या चढ़ने वाले होंगे। बनाई गई कोर कमेटी के एक वरिष्ठ सदस्य ने बताया कि यह सिलसिला लगातार चलता रहेगा। इसे लोकसभा या विधानसभा के चुनावों से जोड़कर नहीं देखना चाहिए। यह जब पूरे होंगे तो निश्चित तौर पर किसी न किसी चुनाव के दौरान उद्घाटन और शिलान्यास होते रहेंगे। हालांकि सूत्रों का कहना है कि जिस तरीके से बीते कुछ महीने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कई प्रोजेक्ट का शिलान्यास किया है वह 2024 से पहले सिरे चढ़ने शुरू हो जाएंगे।
हर प्रोजेक्ट की टाइम लाइन तय
प्रधानमंत्री नरेंद्र
मोदी ने जेवर एयरपोर्ट का शिलान्यास किया था। इस एयरपोर्ट का रनवे 2023 में शुरू होना है। इसी के साथ प्रधानमंत्री
नरेंद्र मोदी 18 दिसंबर को गंगा
एक्सप्रेस वे का शिलान्यास कर दिया। इस प्रोजेक्ट को भी 2024 से पहले शुरू कर दिया जाएगा। इसके अलावा बुंदेलखंड में
बनने वाले बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे का भी अगले महीने लोकार्पण किया जाएगा और 2024 से पहले एक बड़े फेज को न सिर्फ शुरू किया
जाएगा बल्कि कनेक्टिंग एक्सप्रेस वे से जोड़ भी दिया जाएगा।
उत्तर प्रदेश में ही अगले 3 साल में कई और डोमेस्टिक एयरपोर्ट न सिर्फ बनाए जाएंगे बल्कि उनको भी शुरू करने की योजना है। इसके अलावा उत्तर प्रदेश के कई शहरों में मेट्रो को शुरू किया जाना है जिसकी डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार हो चुकी है। सूत्रों के मुताबिक 2024 से पहले कई बड़े शहरों में मेट्रो की शुरुआत हो जाएगी। इसके अलावा उत्तर प्रदेश डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर को भी पूरी तरह से शुरू कर दिया जाएगा। अगले 3 सालों के भीतर उत्तर प्रदेश में ब्रह्मोस मिसाइल भी इसी डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर में बननी शुरू हो जाएगी।
सूत्रों के मुताबिक सिर्फ यही नहीं बल्कि पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के बाद केंद्र सरकार की योजना है कि दिल्ली से उत्तर प्रदेश और उत्तर प्रदेश से बिहार होते हुए पूरे नॉर्थ ईस्ट को एक बड़े एक्सप्रेस से कनेक्ट किया जाए। इसके अलावा तय योजना के मुताबिक 2023 में ही राम मंदिर का निर्माण पूरा हो जाएगा। भारतीय जनता पार्टी विकास और आस्था के इस पूरे मॉडल के साथ 2024 की पिच अभी से तैयार करने लगी है।
बॉक्स ....
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पूर्वांचल को लेकर हैं गंभीर, काशी विश्वनाथ
कॉरीडोर और जेवर एयरपोर्ट से पहले पूर्वांचल को मिली विकास की सौगात
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव की घोषणा अभी नहीं हुई है। प्रधानमंत्री उत्तर प्रदेश को लगातार विकास की सौगात तो दे ही रहे हैं साथ ही योजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन भी लगातार कर रहे हैं।
देखने में ऐसा लग रहा है जैसे पीएम नरेन्द्र मोदी ने ही उत्तर प्रदेश की कमान
पूरी तरह से अपने हाथों में थाम ली है। वहीं, देखने में ये भी आ रहा है कि पीएम का
ज्यादा फोकस पूर्वांचल पर केन्द्रित है। इसी फेहरिस्त में मोदी ने सिद्धार्थनगर और
वारणसी को विकास की सौगात से भी नवाजा है।
जी हां, उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहे हैं, वैसे–वैसे राजनीतिक दलों ने अपने सियासी अभियान तेज कर दिए हैं। पीएम नरेन्द्र मोदी ने यूपी चुनाव की कमान संभाल ली है। प्रधानमंत्री का अब पूरा फोकस पूर्वांचल पर केन्द्रित हो चला है।
अगर अक्टूबर की ही बात की जाए, अक्टूबर में ही प्रधानमंत्री ने पूर्वांचल क्षेत्र का दो बार दौरा किया है। साथ ही क्षेत्र के विकास के लिए सौगात भी दी हैं। प्रधानमंत्री ने केन्द्र व राज्य सरकार की यहां उपलब्धियां गिनाकर मिशन 2022 को सफल बनाने की यहां के लोगों से अपील की है।
9 मेडिकल कॉलेज की सौगात
पीएम नरेन्द्र मोदी ने सिद्धार्थनगर से उत्तर प्रदेश को एक साथ 9 मेडिकल की सौगात दी है। माधव प्रसाद त्रिपाठी चिकित्सा
महाविद्यालय का लोकार्पण करने के साथ 2239 करोड़ रुपये की
लागत से देवरिया, एटा, फतेहपुर, हरदोई, गाजीपुर, मिर्जापुर, प्रतापगढ़, जौनपुर के नवनिर्मित मेडिकल
कॉलेजों के राज्य स्वशासी मेजिकल कालेजों का वर्चुअल लोकार्पण प्रधानमंत्री
नरेन्द्र मोदी ने किया।
यूपी के लिए पूर्वांचल की जीत जरूरी
देश की सत्ता का रास्ता उत्तर प्रदेश से होकर जाता है तो यूपी को जीतने के लिए
पूर्वांचल को जीतना जरूरी है। इसी फॉर्मूले से लगातार दो लोकसभा और 2017 के विधानसभा चुनाव में सबसे ज्यादा सीटें हासिल करने वाली
बीजेपी मिशन-2022 के लिए पूर्वांचल में पैठ
बनाने की कोशिश में है। इसी के मद्देनजर पीएम मोदी का फिलहाल पूरा फोकस पूर्वांचल
पर है। पीएम मोदी एक तरफ पूर्वांचल को मेडिकल कॉलेजों की सौगात दे रहे हैं तो वहीं
दूसरी ओर पूर्वांचल के विकास के लिए योजना भी तैयार करवाकर पूर्वांचल के लोगों को
सौंपने की बात कह रहे हैं।
दरअसल, किसान आंदोलन और लखीमपुर खीरी कांड के बाद से पश्चिम यूपी, तराई बेल्ट और अवध के इलाके में सरकार के खिलाफ माहौल गर्म है। वहीं, पूर्वांचल अभी भी बीजेपी का गढ़ माना जाता है। जिसकी सबसे बड़ी वजह पीएम नरेन्द्र मोदी का वाराणसी से सांसद होना है और गोरखपुर से सीएम योगी का होना है।
पूर्वांचल में राजभर ने बढ़ाई चुनौती
हालांकि, सुहेलदेव भारतीय समाज
पार्टी के प्रमुख ओमप्रकाश राजभर औऱ सपा प्रमुख अखिलेश यादव के हाथ मिलाने के बाद
बीजेपी के सामने अपने दुर्ग पूर्वांचल को बचाए रखने की चुनौती खड़ी हो गई है। इतना
ही नहीं बीजेपी को लोकसभा औऱ जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में पूर्वांचल इलाके में ही झटका लगा था।
इसीलिए बीजेपी लगातार पूर्वांचल के सियासी समीकरण दुरुस्त करने में जुटी है।
यूपी में चुनाव तारीखों के ऐलान से पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पूर्वांचल में करीब 6 जनसभा रखी हैं। इन चुनावी जनसभा में प्रधानमंत्री ने राज्य सरकार की उपलब्धियां गिनाकर मिशन 2022 को सफल बनाने की लोगों से अपील करेंगे। इसकी शुरुआत करते हुए पीएम नरेन्द्र मोदी ने 20 अक्टूबर को भगवान बुद्ध की धरती कुशीनगर में इंटरनेशनल एयरपोर्ट का भी शुभारंभ किया और चुनावी जनसभाओं का एक तरह से आगाज भी कर दिया।
कुशीनगर में एयरपोर्ट के साथ-साथ पीएम मोदी 478.74 करोड़ रुपये की परियोजनाओं की भी सौगात दी है। 116.21 करोड़ से तैयार 11 परियोजनाओं का लोकार्पण और 362.53 की लागत से मेडिकल कॉलेज सहित तीन परियोजनाओं का तोहफा पीएम मोदी ने पूर्वांचल को दिया है। इसके अलावा पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे, गोरखपुर के खाद कारखाना मैदान में जनसभा भी अक्टूबर में ही की गयी। इस जनसभा के बाद खाद कारखाना व गोरखपुर एम्स का लोकार्पण भी किया जाना है।
बीजेपी का सियासी समीकरण
पूर्वांचल में बीजेपी ने अपने समीकरण को मजबूत बनाए रखने के लिए जातीय आधारित
पार्टियों के साथ भी गठबंधन कर रखा है। अनुप्रिया पटेल की पार्टी अपना दल (एस) और
संजय निषाद की निषाद पार्टी के साथ बीजेपी मिलकर इसबार चुनावी मैदान में किस्मत
आजमाएगी। बीजेपी के इन दोनों ही दलों का सियासी आधार पूर्वांचल के जिलों में है।
अनुप्रिया पटेल की कुर्मी वोटों पर पकड़ है तो संजय निषाद का मल्लाह समुदाय पर।
इसके अलावा बीजेपी की नजर ओम प्रकाश राजभर की पार्टी पर भी है। जिनके साथ गठबंधन
फिर से किये जाने की चर्चाएं तेज हैं। इस तरह बीजेपी पूर्वांचल के सियासी रण को
बीजेपी मजबूती के साथ जीतने की रणनीति तैयार कर रही है।
यूपी की 33 फीसदी सीटें पूर्वांचल में हैं
पूर्वांचल की जंग फतह करने के बाद ही यूपी की
सत्ता पर कोई पार्टी काबिज हो सकती है। क्योंकि सूबे की 33 फीसदी सीटें इसी इलाके की हैं। यूपी के 28 जिले पूर्वांचल में आते हैं। जिनमें कुल 164 विधानसभा सीटें हैं। 2017 के चुनाव में पूर्वांचल की
164 सीटों में से बीजेपी ने 115 सीट पर कब्जा जमाया था। जबकि सपा ने 17, बसपा ने 14, कांग्रेस ने 2 और अन्य को 16 सीटें मिली थी।
हालांकि पिछले तीन दशक में पूर्वांचल का मतदाता कभी किसी एक पार्टी के साथ नहीं
रहा। वह एक चुनाव के बाद दूसरे चुनाव में एक का साथ छोड़कर दूसरे का साथ पकड़ता
रहा है। यही वजह है कि बीजेपी 2022 के चुनाव में अपने गढ़ को
मजबूत करने में जुट गई है।
No comments:
Post a Comment